चलो ना किसी दीन जब शाम जवान हो...
ख्वाहिशों के पर लगाके आसमान पे उड़ने चले...
परिंदों के झुण्ड के साथ आसमान की सैर करे...
फिर जब थक जाए तो बैठे किसी बादल पर...
और शाम की चाय पिए सूरज को ढलता देख ..
आसमान के कैनवास पर सुरमई शाम के रंगों से एक पेंटिंग बनाये....
उस हसीं जिंदगी की जो तुम्हारे दिल में है...
बिलकुल पाक और दिलकश...
फिर जब सूरज अलविदा कहदे और चाँद चमक उठे...
तो चांदनी को सिरहाने रख कर लेटे रहे बादल पर....
और सुबह तक बस बातें करते रहे...
किसी पुरानी बात पे तुम्हारे लबों पर वही गुनगुनाती हसी आये....
और वोह बस आसमान पर गुनगुनाती रहे 'Background music' की तरह..
ख्वाहिशों के पर लगाके आसमान पे उड़ने चले...
परिंदों के झुण्ड के साथ आसमान की सैर करे...
फिर जब थक जाए तो बैठे किसी बादल पर...
और शाम की चाय पिए सूरज को ढलता देख ..
आसमान के कैनवास पर सुरमई शाम के रंगों से एक पेंटिंग बनाये....
उस हसीं जिंदगी की जो तुम्हारे दिल में है...
बिलकुल पाक और दिलकश...
फिर जब सूरज अलविदा कहदे और चाँद चमक उठे...
तो चांदनी को सिरहाने रख कर लेटे रहे बादल पर....
और सुबह तक बस बातें करते रहे...
किसी पुरानी बात पे तुम्हारे लबों पर वही गुनगुनाती हसी आये....
और वोह बस आसमान पर गुनगुनाती रहे 'Background music' की तरह..
चलो ना इसी तरह एक उम्र काटें आसमान पर...
और जब वक़्त का कारवां ख़तम हो...
तो एक साथ अगले जनम में जमीं पे उतर आये...
और जब वक़्त का कारवां ख़तम हो...
तो एक साथ अगले जनम में जमीं पे उतर आये...
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