Sunday, September 27, 2009

वक्त का कारोबार चले.........

सर्दियों में अक्सर होता है...........
जब सूरज अपनी आखरी साँस ले रहा हो...
और उसका वोह सुरमई लाल रंग सिर्फ़ "horizon" पे जैसे जम सा गया हो....
हल्का अँधेरा होने लगे पर फिर भी सूरज जैसे एक कोने से सब को देख रहा हो....
और चाँद जैसे अभी अभी नहा के बाहर निकला हो......
जिसको कभी कभी "twilight" कहते है किसी क्रिकेट मैच में.....
तो यूँ लगता है जैसे वक्त वही पर रुक गया हो.......
न सूरज की कोइ आहट महसूस होती है और न चाँद की कोई हरकत...
न पेड़ का कोई पत्ता हिलता है और न जमीं के कोई कतरे को हवा छूती है....
वक्त का कारोबार जैसे ठप्प हो गया हो........
ऐसे आलम में आके तुम जरा मुस्कुरा दो......
के वक्त का कारोबार चले.........

Friday, September 25, 2009

शायर बना रहू........

तुने जब से मिलना छोड़ दिया है
लगता है अब मेरी नज़्म में जजबात भी कम हो चले है

और क्यूँ न हो मेरे दिल से ही तो निकलते थे
कुछ ऐसा जादू कर दिया था तुने मेरे दिल पर
रोज़ मिला करो.........
के में शायर बना रहू.........

Monday, September 21, 2009

कमीना "MBA" - a parody of "kaminey"

क्या करें "MBA" इसको हम जो मिले
इसकी जाँ खा गए रात दिन के "sessions"
रात दिन "sessions" ............
मेरी "attendance" भी कामिनी .........
मेरे "grades" भी कमीने.......
एक "marketing" से दोस्ती थी
ये हुज़ूर भी कमीने

कभी जिंदगी से माँगा किसी "subject" में A grade लादो
कभी class को न जाके कहा "proxy" लगावादों
पढ़ाई के सब करीने थे हमेशा से कमीने........
मेरी "SIP" ................ कामिनी
मेरे "guides" ................ कमीने
एक "marketing" से दोस्ती थी...............
ये हुज़ूर भी कमीने........

जिस "subject" का चेहरा खोला अन्दर से और निकला
मासूम सा "syllabus" नाचा तो "bore" निकला
कभी हम कमीने निकले
कभी "professors" कमीने
मेरी "presentation" भी कामिनी
मेरे "group members" भी कमीने................
एक "marketing" से दोस्ती थी
ये हुज़ूर भी कमीने.............
कमीने कमीने कमीने........................

Tuesday, September 8, 2009

"load shedding"

रात में जब छत पर जाकर में इस शेहेर को देखता हूँ
तो मुझे करोडो हसीन रोशनियाँ नज़र आती है
उनको में आंखों में भर लेता हूँ

और फिर सड़क पर जाकर जब में उन्ही चमकीली आँखों से लोगो को देखता हूँ
तो रिश्तों के अंधियारे में ये रोशनियाँ कही गूम हो जाती है जैसे अंधेरे में रौशनी गुम हो

आज कल "load shedding" बढ़ गई है शेहेर मे!!!!

"placement"

मुझको बस इतने से काम पर रख लो
के जब हवा आए और तुम्हारे बालों को बिखेर कर जाए
मैं उनको सीधा करदू

मुझको बस इतने से काम पर रख लो
के जब कोई मुश्किल तुम्हारी आँखों की खूबसूरती को कम करदे
तब एक "joke" सुनाके मैं उनको फिर से उतना ही हसीन करदू

मुझको काम पर रख लो
उम्र भर नौकरी करूँगा और तन्क्हा भी नही लूँगा
वैसे भी आज कल बेकार हूँ