कहीं धारावी की छोटी गलियों में एक पूरी दुनिया बस्ती है...
तो कहीं कार्टर रोड की जोग्गिंग ट्रैक पर समंदर की हवा भी मेहेंगी है...
कहीं जोगेश्वरी की चाल में टेस्ट मैच चलती है...
तो कहीं वानखेड़े के 'flood lights' जैसे समंदर पे सजदा करते है...
मीरा रोड की दुनिया जैसे अभी अभी बसी है...
तो 'brabourne' पे आज भी पुरानी कसी मैच का भूत रात में घूमता है...
हर रोज़ एक नयी जगह पे जाके यह शेहेर फैलता है...
तो v.t स्टेशन जैसे अपने भुडापे पे अटल खडा है....
कुछ इलाकों में आज भी इश्क इज़हार से शर्माता है यहाँ...
ओर 'band stand' पे इश्क जिस्मानी तौर पे पानी की तरह फैला है...
मोहम्मद अली रोड पे हर दिन जैसे ईद सा लगता है...
तो झवेरी बाज़ार में रोज़ करोड़ों के सौदे चलते है....
'stock exchange' पे सारे लोग खुले आम सट्टा खेलते है...
तो मुंबई underworld जैसे चूहों की तरह रात में चुपके से काम करता है...
मुंबई के बारे जितना लिखू उतना कम है...
कितने शेहेर बसते है इस एक शेहेर में....
सुबह धमकती है रात में चमकती है....
लोग कहते है के सिद्धि विनायक ने मुंबई को बचा के रक्खा है...
कोई कहता है जब तक हाजी अली डूबता नहीं मुंबई को कुछ नहीं होता...
पर मुंबई पे असली बादशाहत है उसके लोगों की...
जो डरते है के कहीं मुंबई थम न जाए...
थम गए तो जैसे यह शेहेर बिखर जाएगा...
इसलिए सदा चलते रहते है...
रफ़्तार ही मुंबई का असली मालिक है...
खुदा को भी पोहोचने में देर लगती है यहाँ.....
तो कहीं कार्टर रोड की जोग्गिंग ट्रैक पर समंदर की हवा भी मेहेंगी है...
कहीं जोगेश्वरी की चाल में टेस्ट मैच चलती है...
तो कहीं वानखेड़े के 'flood lights' जैसे समंदर पे सजदा करते है...
मीरा रोड की दुनिया जैसे अभी अभी बसी है...
तो 'brabourne' पे आज भी पुरानी कसी मैच का भूत रात में घूमता है...
हर रोज़ एक नयी जगह पे जाके यह शेहेर फैलता है...
तो v.t स्टेशन जैसे अपने भुडापे पे अटल खडा है....
कुछ इलाकों में आज भी इश्क इज़हार से शर्माता है यहाँ...
ओर 'band stand' पे इश्क जिस्मानी तौर पे पानी की तरह फैला है...
मोहम्मद अली रोड पे हर दिन जैसे ईद सा लगता है...
तो झवेरी बाज़ार में रोज़ करोड़ों के सौदे चलते है....
'stock exchange' पे सारे लोग खुले आम सट्टा खेलते है...
तो मुंबई underworld जैसे चूहों की तरह रात में चुपके से काम करता है...
मुंबई के बारे जितना लिखू उतना कम है...
कितने शेहेर बसते है इस एक शेहेर में....
सुबह धमकती है रात में चमकती है....
लोग कहते है के सिद्धि विनायक ने मुंबई को बचा के रक्खा है...
कोई कहता है जब तक हाजी अली डूबता नहीं मुंबई को कुछ नहीं होता...
पर मुंबई पे असली बादशाहत है उसके लोगों की...
जो डरते है के कहीं मुंबई थम न जाए...
थम गए तो जैसे यह शेहेर बिखर जाएगा...
इसलिए सदा चलते रहते है...
रफ़्तार ही मुंबई का असली मालिक है...
खुदा को भी पोहोचने में देर लगती है यहाँ.....