Sunday, April 24, 2011

उम्र...

उन दोनों में अब छोटे बच्चे की तरह झगड़े होते है...
पुरानी बातों को लेकर अब मुस्कुराके ताने मारते है....
कुछ पुरानी आदतें जो पहले दिल को भाति थी....
अब एक दुसरे की शिकायत करने के काम आती है...
अपने पोते को पूछते है की हम दोनों में से कौन अच्छा लगता है...
वो बाज़ी मारके खुश होती है और वोह हर बार हारना चाहता है...
पहले जो इश्क ग़ज़लों में बयान होता है...
अब वोह बस इशारों में अदा हो जाता है...
'fitness' के बहाने निकलते है 'walk' पर...
पर असल में थोड़ी 'privacy' चाहते है जो अब घर पे बच्चों के साथ नहीं मिलती...
अक्सर दोनों को मैंने देखा है उस जगह पे जाते... 
जहां वो पहली बार मिले थे...
कभी अकेले में पुराने दिन याद करके थोड़ी  देर जवान होते है...
वक़्त जो पहले एक दुसरे के बाहों में कटता था...
अब एक दुसरे को दवाई लेने की याद देने में निकल जाता है...
रात को बिस्तर पर सोने से पहले कहते है की तुझसे से पहले तो मौत मेरा ही रास्ता काटेगी...
और जब करवट लेते है तो सहम जाते  है के तेरे बिना कैसे गुज़ारा होगा...


एक उम्र साथ बिता कर इश्क कितना मासूम हो जाता है...
थोडा नमकीन थोडा मीठा...
लफ़्ज़ों से परे पर खामोशी से रोशन.....


1 comment:

  1. behad umda khayaal.. kahin-kahin typing mistake maaloom hoti hai. lekin nazm behad hi khoobsoorat hui hai.

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