रात में जब छत पर जाकर में इस शेहेर को देखता हूँ
तो मुझे करोडो हसीन रोशनियाँ नज़र आती है
उनको में आंखों में भर लेता हूँ
और फिर सड़क पर जाकर जब में उन्ही चमकीली आँखों से लोगो को देखता हूँ
तो रिश्तों के अंधियारे में ये रोशनियाँ कही गूम हो जाती है जैसे अंधेरे में रौशनी गुम हो
आज कल "load shedding" बढ़ गई है शेहेर मे!!!!
Kya baat hai.Yun hi likhte rahiye.
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