मुझ में जो शायर है.....
Friday, September 25, 2009
शायर बना रहू........
तुने जब से मिलना छोड़ दिया है
लगता है अब मेरी नज़्म में जजबात भी कम हो चले है
और क्यूँ न हो मेरे दिल से ही तो निकलते थे
कुछ ऐसा जादू कर दिया था तुने मेरे दिल पर
रोज़ मिला करो.........
के में शायर बना रहू.........
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