Friday, June 20, 2014

माँ

माँ मै तुझे कैसे समझाऊं
कितना अकेला लगता है मुझे
जब ज़िन्दगी मुझे तोड़ देती है
जी करता है फिर तू मुझे गोद में सुलाये अपनी
और जब सुबह उठु तो सब कुछ ठीक हो जाए
जैसे बचपन में  होता था
पर अब जो मै बड़ा हो गया हूँ
तुही बता किस तरह बताऊँ मै तुझे
हर कोई मुझे छोड़ जाता है अकेला बेवजह
तुमने तो कहा था तुम रहोगी मेरे  साथ हमेशा
मुझे याद आता है वो बचपन का दिन
जब तुझसे हाथ छूटकर खो गया था मै
मै आज भी वही खड़ा हूँ, बोहोत सालों से
आकर मेरा हाथ थाम लो.....

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