वोह शबनमी 'bag'
तुम्हारे काँधे पर लटकता हुआ वोह शबनमी 'bag' कुछ ऐसा लगता है
जैसे चाँद को उस 'bag' में डालकर पुरी दुनिया घुमने निकली हो,
छोटी छोटी बिंदियों जैसे सितारे लगे थे उस पर,
और चाँद की मद्धम सी रौशनी से तुम्हारी आँखें और भी खूबसूरत लग रही थी,
जैसे चाँद की परछाई किसी झील पर पड़ती हो,
छुप के बैठा था चाँद उस 'bag' में तुमको देखके शर्मा रहा था........
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