Friday, August 14, 2009

sunset

जब कभी मैं सनसेट देखता हूँ
तो ऐसे लगता है
मानो हम तुम बोहोत पास बैठे हो
और तुम मेरे काँधे पे सर रख के
नींद की आघोष में जा रही हो

और सूरज ढलने पर जब हल्का सा अँधेरा होता है
तब चाँद को देखकर यूँ लगता है
जैसे तुम मुस्कुरा रही हो नींद में

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