Monday, January 23, 2012

बेमानी...

खोकला सा इश्क पनपता है आज कल
सतह पर रोशन पर अन्दर से घना अँधेरा है....
कोई किसी से प्यार करे तो 'they are going around'...
पहले इश्क में 'going around' होता था अब going around में इश्क ढूँढ़ते है...
कुछ साल पहले न जाने कितने लक़ब देते थे एक दुसरे को ...
अब 'dude' और 'honey' में ही नाम ख़तम हो जाते है....
जो पहले ख़त लिखा करते थे प्यार भरे...
आज कल चंद बेमानी से 'sms' में बट जाते है...
शायद इसी लिए पोस्ट ऑफिस में तन्हाई गूंजती है...
साहिल पे अक्सर हसीन जिंदगी की तामीर किया करते थे लोग...
अब किसी 'cafe' में बैठ के 'weekend planning' करते है....
पहले बरसात होती थी तो चाय के साथ कोई खूबसूरत गीत होता था 'balcony' में...
आज दो कॉफ़ी के कप बात करते है और खामोशी बेचैन रहती है....
हर कोई जैसे अपनी असलियत छुपा के चल रहा है...
जिस दिन सामने आ गई उस दिन 'breakup' हो जाता है...
न जाने कहा खो गया सा है इश्क...
जजबात तो आज भी वही है...
जरा जाके कोई समझाए इश्क के मानी क्या है...
पर कोई सुनेगा???
सभी है घाफिल ज़िन्दगी के जिंदा होने पर....







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