कभी कभी सावन के महीने में बड़ी हैरानी की बात होती है...
शाम को आसमान साफ़ निकलता है और एक ताज़ा नीला रंग उभर आता है जैसे अभी अभी बनाया हो...
सूरज के सुरमई लाल रंग में बादल कुछ 'abstract painting' की तरह नज़र आते है...
सूरज डूबते डूबते एक 'night lamp' की तरह नज़र आता है...
ऊँचे ऊँचे पेड़ खामोश खड़े रहते है इस इंतज़ार में के कब सूरज डूबेगा और नींद आएगी...
ऐसा लगता है के जैसे आसमान के परदे पे मौसमों की फिल्म चल रही है....
और ठण्ड ने जैसे 'guest appearance' किया हो....
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