मुझ में जो शायर है.....
Friday, August 20, 2010
मोतिया....
न जाने कितने आँखों के डॉक्टरों को बताया...
पर यह मोतिया बिन्द निकलता ही नहीं...
ऑपरेशन से भी कुछ नहीं होगा यही उनका कहना था...
जब आईने में देखता हूँ तो यूँ लगता है जैसे कोई सफ़ेद धुंदली परछाई घूर के देख रही है...
तेरी सूरत का मोतिया बिन्द आँखों पे छप गया है....
1 comment:
दीपशिखा वर्मा / DEEPSHIKHA VERMA
August 29, 2010 at 4:18 PM
wah , badhiya hai !
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wah , badhiya hai !
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