मुझ में जो शायर है.....
Friday, July 23, 2010
त्रिवेणी....
वो आये... मरने वाले के परिवार के साथ दो तीन दिन आंसू बहाए...
कुछ देर बाद आंसू भी ख़तम हो गए और जिंदगी फिर पहले की तरह चलने लगी...
बोहोत दिन बरसात होने के बाद आज आसमान साफ़ है....
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