Sunday, July 25, 2010

conveyor belt

जिंदगी का सफ़र चलता है एक 'conveyor belt' पे जिसका कोई सिरा नहीं...
किसी मुसाफिर की तरह जिंदगी बस आगे सरकती रहती है..
सफ़र में कुछ चीज़ें तुम्हे पुकारती है..
कुछ अधूरी ख्वाहिशें....
कुछ पुरे लम्हे...
कुछ सब्ज़ यादें...
कुछ बेमानी से रिश्ते...
और हर एक मोड़ पर... मील के पत्थर पर बैठे तुम नज़र आते हो
तुम्हे छुने की कोशिश करता हूँ.. पर जिंदगी आगे सरक जाती है...
बोहोत सफ़र कर चूका हूँ मै...
किसी दिन आके मुझे उस 'belt' से उतार लो...
हवाई अड्डे पे जैसे कोई सामान उतारे....

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