इस बिमारी का 'virus' हर जगह फैला हुआ है...
ढलते सूरज की खामोश साँसों में...
उगते चाँद की मदहोश रोशनी में...
नाज़ुक बेबाक अदाओं में...
सुरमई आँखों की गहराई में...
खूबसूरत लफ़्ज़ों में...
इसके लक्षण भी बड़े ही अजीब है...
बेखुदी सी छाई रहती है..
आँखों में एक चमक रहती है...
मुस्कुराहट चेहरे से जाती ही नहीं...
एक बार लग जाए तो जान भी ले लेती है...
इश्क की बिमारी ने अब महामारी का रूप ले लिया है!!!!*
* यह बिमारी छुने से फैलती है: सरकार द्वारा जनहित में जारी...
ढलते सूरज की खामोश साँसों में...
उगते चाँद की मदहोश रोशनी में...
नाज़ुक बेबाक अदाओं में...
सुरमई आँखों की गहराई में...
खूबसूरत लफ़्ज़ों में...
इसके लक्षण भी बड़े ही अजीब है...
बेखुदी सी छाई रहती है..
आँखों में एक चमक रहती है...
मुस्कुराहट चेहरे से जाती ही नहीं...
एक बार लग जाए तो जान भी ले लेती है...
आते जाते यूँही किसी हवा के झोंके की तरह यह विरुस छु लेता है और दुनिया ही बदल देता है..
चुपके से लोगों के दिल में घर बना कर घूमता रहता है रगों में...
चाहो तो भी नहीं बच सकते अब..
इश्क की बिमारी ने अब महामारी का रूप ले लिया है!!!!*
* यह बिमारी छुने से फैलती है: सरकार द्वारा जनहित में जारी...
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