Sunday, February 3, 2013

चाँद..


हर रोज़ वोह उसे देखने आता था
जब हर रात वोह छत पे आया करती थी....
और मुस्कुराकर अपनी जुल्फें संवारती थी
जब हलकी सी हवा चलती थी रात के आसमान पर...
आज न जाने क्यूँ वोह नहीं आई
रात भर उसे ढूँढ़ते ढूँढ़ते बहुत दूर चला आया था वोह..

देखो तो आज चाँद ज़मीं के कितने करीब आ गया है.....

No comments:

Post a Comment