मुझ में जो शायर है.....
Sunday, March 14, 2010
traffic jam....
कभी कभी यूँही बैठे बैठे वक़्त हाथों से फिसल जाता है...
और कभी कभी यूँ तन के बैठ जाता है जैसे कोई जिद पे अड़ा हो..
वक़्त की राहों में भी आजकल "traffic jam" होने लगा है....
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