पहले जब नानी की कहानी सुनते थे तो ऐसे लगता था की दुनिया कितनी हसीन है..
अब वोह कुछ कहती है तो लोग चिल्लाते है उसपे... वोह डांटती है तो अब गुस्सा आता है..
पहले रिश्तों में एक अजीब गर्माहट पनपती थी... पापा की डांट खाकर जब रूठते थे तब सिर्फ नानी की गोद नज़र आती थी..
अब सिर्फ गरमी पनपती है रिश्तों में...
उफ्फ्फ... "global warming" दिन-ब-दिन बढती ही जा रही है.........
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